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अशोक के अभिलेख स्थल (ASHOKAN EDICT SITES)

अशोक के अभिलेख स्थल (ASHOKAN EDICT SITES)

 
  • अवधि: मौर्य सम्राट अशोक (268 ई.पू. – 232 ई.पू.) ने अपने शासनकाल के दौरान प्रस्तर, स्तंभों, शिलाओं और गुफा की भित्तियों पर 30 से अधिक अभिलेख उत्कीर्ण कराए थे।
    • अशोक के अभिलेख हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद भारत में पहले लिखित अभिलेख हैं।
    • अशोक ने 14 वृहद शिलालेख, 7 स्तंभ अभिलेख और कुछ लघु शिलालेख उत्कीर्ण करवाए थे।
  • उद्देश्य: अशोक के अभिलेख मौर्य साम्राज्य के शाही आदेश थे। अधिकतर अभिलेखों पर अशोक द्वारा दिए गए आदेशों को उत्कीर्ण करवाया गया है। ये आदेश सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक मामलों से संबंधित हैं। इनके माध्यम से अशोक ने कुलीनों, अधिकारियों तथा आम जनता को संबोधित किया था।
  • भाषा: मुख्यतः प्राकृत, लेकिन उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में खोजे गए कुछ अभिलेखों की भाषा अरामाईक और ग्रीक है।
  • लिपि: ब्राह्मी (मुख्य लिपि), खरोष्ठी (गांधार क्षेत्र में प्रयुक्त), ग्रीक और अरामाईक (उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में)।
  • निर्माण सामग्री: अशोक के स्तंभ अभिलेखों का निर्माण चुनार से लाए गए बादामी रंग के कठोर बलुआ पत्थर और मथुरा से लाए गए धब्बेदार लाल एवं सफेद बलुआ पत्थर से किया गया है।
  • अभिलेखों की अन्य विशेषताएं:
    • अशोक ने अभिलेखों (धम्म लिपि) का उत्कीर्णन मुख्यतः अपनी धम्म नीति का प्रचार करने के लिए कराया था। हालांकि, इन अभिलेखों से अशोक के विशाल साम्राज्य की सीमाओं का भी पता चलता है।
      • विशेष रूप से ब्राह्मी लिपि को धम्म लिपि कहा जाता है। 
    • चार स्थानों, यथा- मास्की व ब्रह्मगिरी (कर्नाटक), गुज्जरा (मध्य प्रदेश), और नेट्टूर (आंध्र प्रदेश) से मिले अभिलेखों में अशोक का नाम “देवानांपिय” (देवताओं का प्रिय) मिलता है।
    • कर्नाटक में एक स्तूप पर उत्कीर्ण कंगनहल्ली अभिलेख में अशोक को “रान्यो अशोक” (राजा अशोक) कहा गया है।
See also  वैदिक काल/ऋग्वैदिक काल Vaidik Kaal in Hindi
  • वृहद शिलालेख: गिरनार (गुजरात), धौली (ओडिशा), जौगढ़ (ओडिशा), सोपारा (महाराष्ट्र), कालसी (उत्तराखंड), एर्रागुडि (आंध्र प्रदेश), सन्नती (कर्नाटक), शिशुपालगढ़ (ओडिशा); मानसेहरा और शाहबाजगढ़ी (पाकिस्तान); तथा कंधार (अफगानिस्तान) (सबसे पुराना ज्ञात अशोक शिलालेख)।
  • लघु शिलालेख: सासाराम और रतनपुरवा (बिहार), पंगुरारिया, रूपनाथ एवं गुज्जरा (मध्य प्रदेश), बैराठ (राजस्थान), ब्रह्मगिरि, सिद्धपुरा, जटिंग-रामेश्वर, मास्की, गविमठ, पाविगुंडा, उदेगोलम, नेट्टूर (कर्नाटक); राजुला मंदागिरी और एर्रागुडि (आंध्र प्रदेश), बहापुर (दिल्ली) तथा अहरौरा (उत्तर प्रदेश)।
  • स्तंभ शिलालेख: प्रयाग- कौशांबी से अकबर द्वारा इलाहाबाद लाया गया (रानी का अभिलेख- उत्तर प्रदेश), लौरिया-अरेराज, लौरिया-नंदनगढ़ और रामपुरवा (बिहार); दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-टोपरा तथा साँची (मध्य प्रदेश)।
  • अन्य: सारनाथ सिंह शीर्ष स्तंभ (उत्तर प्रदेश), बाराबर गुफा अभिलेख (बिहार) आदि।

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