कांडला बंदरगाह
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने कांडला बंदरगाह की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रमुख पहलों की घोषणा की।
कांडला बंदरगाह के बारे में
- निर्माण: इसे 1950 के दशक में कराची बंदरगाह के प्रतिस्थापन के रूप में निर्मित किया गया था। ऐसा इस कारण, क्योंकि भारत के विभाजन के बाद कराची बंदरगाह पाकिस्तान का हिस्सा बन गया था।
- आधिकारिक नाम: दीनदयाल बंदरगाह। भारतीय पत्तन अधिनियम, 1908 के तहत 2017 में इसका नाम बदल दिया गया था।
- स्थान: यह गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है।
- महत्त्व:
- कार्गो की मात्रा के हिसाब से पारादीप बंदरगाह के बाद यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
- यह उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत के राज्यों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
- इसमें कांडला विशेष आर्थिक क्षेत्र (KASEZ) स्थित है। इसकी स्थापना 1965 में भारत और एशिया के पहले SEZ के रूप में की गई थी।
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