गंगोत्री ग्लेशियर

गंगोत्री ग्लेशियर

संदर्भ

IIT इंदौर, ICIMOD एवं अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि तापमान वृद्धि, चरम प्रवाह में परिवर्तन तथा परिवर्तित जल विज्ञानीय संरचना के कारण गंगोत्री ग्लेशियर प्रणाली ने ‘हिम-द्रवण प्रवाह’ (Snowmelt flow)  में वर्ष 1980-2020 के दौरान लगभग 10% की कमी दर्ज की है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  1. हिम-द्रवण में कमी
    • ‘हिम-द्रवण’ 73% (वर्ष 1980-90) से घटकर 52% (वर्ष 2000-10) हो गया एवं बाद में इसमें आंशिक सुधार 63% (वर्ष 2010-20) हुआ।
  2. प्रवाह संरचना में परिवर्तन
    • दीर्घकालिक (वर्ष 1980-2020 औसत)
      • हिम-द्रवण- 64%,
      • ग्लेशियर पिघलना – 21%,
      • वर्षा अपवाह – 11%,
      • आधार प्रवाह – 4%।
    • तापमान वृद्धि के कारण वर्षा-अपवाह एवं आधार प्रवाह का बढ़ता योगदान।
  3. तापमान वृद्धि
    • औसत वार्षिक तापमान में 5°C की वृद्धि हुई (वर्ष 2001-2020 तथा वर्ष 1980-2000 की तुलना)।
    • वर्ष 2001-10 के दौरान उच्चतम दशकीय तापमान 4°C दर्ज किया गया, जो अब तक का अधिकतम उत्सर्जन स्तर भी है।
  4. शीर्ष प्रवाह में परिवर्तन
    • 1990 के दशक से अधिकतम उत्सर्जन अगस्त से जुलाई में स्थानांतरित हो गया है।
    • शीत ऋतु में कम वर्षा एवं गर्मियों में तीव्र द्रवण के कारण।
  5. दशकीय प्रवाह रुझान
    • वर्ष 2001-10 में अधिकतम प्रवाह 9 m³/s था, जो उच्चतम तापमान वृद्धि के साथ संरेखित है।
    • बर्फ आवरण क्षेत्र में कमी की प्रवृत्ति दिखाई देती है, जबकि वर्षा-अपवाह में वृद्धि की प्रवृत्ति दिखाई देती है।
  6. अल्पकालिक विसंगति (2010-20)
    • -2°C तक कम होते शीतकालीन तापमान और 262 मिमी. से अधिक शीतकालीन वर्षा के कारण हिम-द्रवण की दर में अचानक वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप अधिक हिम संचय हुआ।
  7. जलवायु परिवर्तन संकेत
    • दीर्घकालिक हिम-द्रवण में कमी तथा वर्षा-अपवाह एवं आधार प्रवाह में वृद्धि हुई, जिससे तापमान वृद्धि से प्रेरित जल विज्ञानीय परिवर्तन हुए।
    • हिमालयी हिमनदों के तेजी से संकुचित होने की पुष्टि करता है (लगभग 46 सेमी. प्रतिवर्ष, अन्य अध्ययनों द्वारा पुष्टि)।
See also  पीएसएलवी-सी61/ईओएस-09 मिशन

गंगोत्री हिमनद के बारे में

  • उत्तरकाशी जिले, उत्तराखंड, मध्य हिमालय में स्थित।
  • हिमालय पर्वतमाला का एक भाग।
  • भागीरथी नदी का उद्गम, जो गंगा की एक प्रमुख मुख्य धारा है।
  • रक्तवर्ण, कीर्ति बामक एवं चतुरंगी गंगोत्री हिमनद प्रणाली के प्रसिद्ध सहायक हिमनद हैं।
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