छत्तीसगढ़ में नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम
चर्चा में क्यों?
राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने नई दुकानें एवं स्थापना अधिनियम लागू किया है, जिससे व्यापारियों को अपनी दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खुली रखने की अनुमति मिल गई है।
मुख्य बिंदु
- नई नीति का उद्देश्य:
- छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यापार को बढ़ावा देने और रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिये नई नीति पेश की।
- हालांकि, यह नीति शराब की दुकानों पर लागू नहीं होती है।
- व्यापारियों के लिये लचीलापन बढ़ा:
- इससे पहले, दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था।
- नई नीति के तहत, व्यापारी अब अनिवार्य साप्ताहिक बंदी के बिना अपनी सुविधानुसार काम कर सकते हैं।
- श्रमिक कल्याण प्रावधान:
- व्यापारियों के लिये लचीलेपन के बावजूद, प्रत्येक श्रमिक को अनिवार्य रूप से साप्ताहिक अवकाश मिलना चाहिये।
- किसी भी कर्मचारी को प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक काम करने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता।
- श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिये दुकान मालिकों को श्रम कल्याण योजनाओं का अनुपालन करना चाहिये।
- सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया:
- नये नियमों से दुकान पंजीकरण सरल हो गया है।
- मौजूदा पंजीकृत दुकानों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के छह महीने के भीतर श्रमिक पहचान संख्या (LIN) प्राप्त करनी होगी।
- अंतिम तिथि के बाद प्रस्तुत किये गए आवेदनों पर नियमों के अनुसार शुल्क लगेगा।
श्रमिक पहचान संख्या (LIN)
- LIN एक विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत में विभिन्न श्रम कानूनों के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों को प्रदान की जाती है।
- यह श्रम-संबंधी अनुपालन का केंद्रीकृत रिकॉर्ड रखने और ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है।
- एलआईएन श्रम सुविधा पोर्टल से जुड़ा हुआ है, जो श्रम कानून अनुपालन के प्रबंधन के लिये एक एकल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है।
- नियोक्ता रिटर्न दाखिल करने और पंजीकरण को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिये LIN का उपयोग कर सकते हैं।
- यह EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन), ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) और DGMS (खान सुरक्षा महानिदेशालय) सहित विभिन्न प्रवर्तन निकायों के साथ अनुपालन की सुविधा प्रदान करता है।
- यह विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है तथा व्यवसायों के लिये अनुपालन की जटिलता को कम करता है।
0 Comments
