BRICS संसदीय मंच
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 3-5 जून, 2025 तक ब्रासीलिया,ब्राजील में 11वें BRICS संसदीय मंच में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
BRICS संसदीय मंच के बारे में
- BRICS संसदीय मंच BRICS के सदस्य देशों के बीच विधायी सहयोग के लिए एक मंच है।
- इसका उद्देश्य संवाद को मजबूत करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना एवं सदस्य देशों के बीच संसदीय कूटनीति को बढ़ाना है।
- BRICS संसदीय मंच की पहली औपचारिक बैठक वर्ष 2015 में रूस के मास्को में रूस की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
- विषय: ‘एक अधिक समावेशी एवं सतत्, वैश्विक शासन के निर्माण में BRICS संसदों की भूमिका’।
- मंच के उप-विषय
- मजबूत एवं अधिक सतत् BRICS अंतर-संसदीय सहयोग की ओर।
- बहुपक्षीय शांति एवं सुरक्षा संरचना के सुधार के लिए BRICS देशों की संसदें एकजुट हुईं।
- जिम्मेदार एवं समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए अंतर-संसदीय सहयोग।
- आर्थिक विकास के लिए नए मार्गों की तलाश में BRICS संसदीय कार्रवाई।
- वैश्विक स्वास्थ्य के लिए BRICS अंतर-संसदीय गठबंधन।
- जलवायु एवं स्थिरता पर BRICS अंतर-संसदीय वार्ता।
- लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला 3-5 जून, 2025 तक ब्राजील के ब्रासीलिया में आयोजित होने वाले 11 वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (आईपीडी) का नेतृत्व करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश; राज्य सभा के सांसद श्री सुरेन्द्र सिंह नागर; राज्य सभा के सांसद श्री विजय बघेल; राज्य सभा के सांसद श्री विवेक ठाकुर; राज्य सभा के सांसद डॉ. शबरी बायरेड्डी; राज्य सभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव श्री पीसी मोदी शामिल होंगे।
- 11 वें ब्रिक्स संसदीय मंच का समग्र विषय है: ‘अधिक समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के निर्माण में ब्रिक्स संसदों की भूमिका’। ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान) और आमंत्रित देशों – बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, नाइजीरिया, मलेशिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान के पीठासीन अधिकारी और संसद सदस्य – अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की अध्यक्ष महामहिम सुश्री तुलिया एकसन भी मंच की बैठकों में भाग लेंगे।
- लोकसभा अध्यक्ष द्वारा फोरम के पूर्ण सत्र को निम्नलिखित चार उप-विषयों पर संबोधित करने की संभावना है:
- अधिक मजबूत एवं अधिक टिकाऊ ब्रिक्स अंतर-संसदीय सहयोग की दिशा में।
- ब्रिक्स संसदें बहुपक्षीय शांति और सुरक्षा ढांचे में सुधार के लिए एकजुट हुईं।
- उत्तरदायी एवं समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए अंतर-संसदीय सहयोग।
- आर्थिक विकास के लिए नए रास्तों की खोज में ब्रिक्स संसदीय कार्रवाई।
- राज्य सभा के उपसभापति निम्नलिखित उप-विषयों पर पूर्ण अधिवेशन में भाग लेंगे:
- वैश्विक स्वास्थ्य के लिए ब्रिक्स अंतर-संसदीय गठबंधन .
- जलवायु एवं स्थिरता पर ब्रिक्स अंतर-संसदीय वार्ता।
- साथ आए संसद सदस्य ब्रिक्स महिला सांसदों की बैठक और ब्रिक्स संसदों की अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समितियों के अध्यक्षों की बैठक के विभिन्न कार्य सत्रों में भाग लेंगे, जो 3 जून 2025 को आयोजित किया जाएगा।
- शिखर सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त वक्तव्य पारित किए जाने की उम्मीद है। इस फोरम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष भाग लेने वाली संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं
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