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लोदी वंश का इतिहास

लोदी वंश  का इतिहास | History of lodi Dynasty in Hindi

 
लोदी वंश (Lodi Dynasty) मुग़ल साम्राज्य (Mughal Empire) के पूर्व समय में भारत में शासन करने वाले वंशों में से हैं। लोदी वंश के बारे में यहां आपको पूरी विस्तृत जानकारी मिलेगी।

लोदी वंश के शासक (Rulers of Lodi Dynasty)

  • बहलोल लोदी (1451–89 ई)
  • सिकंदर लोदी (1489-1517 ई )
  • इब्राहिम लोदी (1517-26 ई )

बहलोल लोदी (Bahlul Lodi)

  • दिल्ली में प्रथम अफगान राज्य का संस्थापक बहलोल लोदी था ।
  • बहलोल लोदी अफगानिस्तान के मिजलई कबीले की एक शाखा शाहूखेल में पैदा हुआ था।
  • बहलोल गाजी की उपाधि के साथ दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
  • बहलोल लोदी द्वारा बहलोली सिक्के चलाये गये।
  • बहलोल लोदी अपने सरदारों को मकसद ए अली कहकर पुकारता था।
    बहलोल लोदी

सिकंदर लोदी(Sikander Lodi)

  • बहलोल लोदी का पुत्र सिकंदर लोदी उसका उत्तराधिकारी बना।
  • सिकंदर लोदी का वास्तविक नाम निजाम खां था।
  • 1504 में सिकंदर लोदी ने आगरा की नींव डाली।
  • सिकंदर लोदी ने 1506 में अपनी राजधानी आगरा बनाई।
  • इसने आगरा में बादलगढ का किला बनाया।
  • सिकंदर लोदी ने भूमि मापने के लिये गज ए सिकंदरी का प्रचलन किया। जो 30 इंच का होता था।
  • सिकंदर लोदी ने नगरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मूर्ति को तोड़कर उसके टुकड़ों को कसाइयों को मांस तोलने के लिये दे दिया था।
  • सिकंदर लोदी ने मुसलमानों को ताजिया निकालने, स्त्रियों को पीरों एवं संतों की मजार पर जाने पर प्रतिबंध लगाया।
  • 1506 में सिकंदर लोदी ने कुतुबमीनार की मरम्मत करायी। अब इसकी ऊंचाई 234 फीट है।
  • सिकंदर लोदी ने संस्कृत आयुर्वेद ग्रंथ का फहरंगे सिकंदरी नाम से अनुवाद कराया था।
  • गुलरूखी शीर्षक से फारसी कविताऐं सिकंदर लोदी ने लिखी।
    सिकन्दर लोदी

इब्राहिम लोदी(Ibrahim Lodi)

  • सिकंदर का उत्तराधिकारी इब्राहिम लोदी हुआ।
  • सन् 1517-18 में इग्रहिम लोदी व मेवाड़ के शासक राणा सांगा के मध्य खटोली का युद्ध हुआ। जिसमें लोदियों हार हुयी।
  • बाबर को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण पंजाब के शासक दौलत खां लोदी एवं इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खां ने दिया ।
  • इब्राहिम लोदी व बाबर के बीच 1526 ई में पानीपत के मैदान में युद्ध हुआ जिसमें बाबर विजयी हुआ।
  • इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का एकमात्र राजा था जो भूमि युद्ध में मारा गया।
  • इसकी मृत्यु के साथ ही लोदी वंश व दिल्ली सल्तनत दोनों का अंत हो गया।
  • यह लोदी वंश का अंतिम शासक था।
  • लोदी वंश के काल में अमीरों का महत्व अपने चरम पर था।
  • लोदी वंश के शासक स्वयं व्यापारी थे।
    इब्राहिम लोदी

सल्तनत काल का सैन्य प्रशासन(Military Administration of the Sultanate)

  • प्रशासनिक व्यवस्था का आधार धर्म- इस्लाम
  • बलबन एवं अलाउद्दीन के समय अमीर प्रभावहीन हो गये।
  • सल्तनत काल में मंत्रिपरिषद् को मजलिस ए खलवत कहा गया । जिनकी बैठक मजलिस ए खास में होती थी।
  • राजस्व विभाग का प्रमुख वजीर कहलाता था ।
  • मुशरिफ ए मुमालिक (महालेखाकार ) – प्रांतों एवं अन्य विभागों से प्राप्त आय एवं व्यय का लेखा जोखा ।
  • खजीन- कोषाध्यक्ष
  • बरीद ए मुमालिक- गुप्तचर विभाग का अध्यक्ष
  • दीवान ए इस्तिहाक- पेंशन विभाग का अध्यक्ष
  • दिल्ली सल्तनत अनेक प्रांतों में बंटा हुआ था जिसे इक्ता या सुबा कहा जाता था। यहां का शासन नायब, वली या मुक्ति द्वारा संचालित होता था।
  • प्रशासन की सबसे छोटी ईकाई ग्राम होता था।
  • सर्वोच्च सेनापति व सर्वोच्च न्यायाधीश सुल्तान
  • सल्तनतकालीन सैन्य संगठन मुख्यतया तुर्की व मंगोल पद्धति पर आधारित था।
  • इस्लामी कानून के विधिवेता मुजतहिद कहलाते थे।
  • सल्तनत काल में मुकदमों का निर्णय काजी एवं मुफती की सहायता से किया करते थे।
  • सुल्तान की स्थायी सेना को खासवेल नाम दिया गया था।
  • पूर्णतः केन्द्र के नियंत्रण में रहने वाली भूमि खालसा कहलाती थी। अलाउद्दीन ने दान दी गयी अधिकांश भूमि को छीनकर खालसा भूमि में परिवर्तित कर दिया।
  • देवल सल्तनत काल में अंतराष्ट्रीय बंदरगाह के लिये प्रसिद्ध था।
  • सल्तनत काल में शिक्षा का प्रारंभ बिस्मिल्लाह संस्कार से किया जाता था।
  • शिक्षा के लिये अरबी भाषा का प्रयोग किया जाता था।
  • मध्यकालीन संगीत परंपरा के आदि संस्थापक अमीर खुशरो थे। तथा सर्वप्रथम उन्होंने भारतीय संगीत में कव्वाली गायन का प्रारंभ किया।
  • अमीर खुसरो को सितार एवं तबले के निर्माण का श्रेय दिया जाता है।
See also  अकबर के बाद मुगल वंश
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