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सर्वनाम के भेद, परिभाषा और उदाहरण

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सर्वनाम के भेद, परिभाषा और उदाहरण

सर्वनाम किसे कहते हैं?
Quick Summary
  • सर्वनाम एक शब्द है, जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भावना को व्यक्त करता है।
  • यह नाम के स्थान पर प्रयोग होता है।
  • सर्वनाम वाक्य में किसी चीज़ को पुनः संदर्भित करता है।
  • उदाहरण: मैं, तुम, यह, वह, कौन।
हिंदी भाषा में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्द भेदों का विशेष महत्व है। भाषा को सहज, स्पष्ट और प्रभावी बनाने में इनका योगदान अहम होता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण शब्द भेद है सर्वनाम। सर्वनाम न केवल वाक्यों को सरल और प्रभावशाली बनाता है, बल्कि भाषा की सुंदरता को भी बढ़ाता है। सर्वनाम किसे कहते हैं इस लेख में हम सर्वनाम के भेद, सर्वनाम के उदाहरण, पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

सर्वनाम किसे कहते हैं? (What is Pronoun?)

परिभाषा
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।

सर्वनाम का उपयोग संज्ञा की जगह किया जाता है, इसलिए इनकी संख्या हर भाषा में सीमित होती है। उदाहरण के लिए: मैं, हम, तू, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि।

  1. चूंकि सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आते हैं, इसलिए इनमें भी संज्ञा की तरह कारकों के आधार पर परिवर्तन होता है; जैसे – हमने, हमको, हमसे, मैंने, मुझको, मुझसे आदि। इनका रूप भी एकवचन और बहुवचन में बदला जा सकता है। हालाँकि, संज्ञा की तरह इनके साथ संबोधन⁴è (जैसे “हे राम”) का उपयोग नहीं किया जा सकता।

सर्वनाम के भेद (Types of Pronouns)

सर्वनाम किसे कहते हैं यह जान लेने के बाद इसके भेद के बारे में जान लेते है

सर्वनाम के छ: भेद होते है-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

अब इन भेदों को विस्तार पूर्वक उदहारण सहित जानेंगे –

(1) पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

पुरुषवाचक सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का सीधा उल्लेख करते हैं।‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ पुरुषों (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं।

दूसरे शब्दों में- बोलने वाले, सुनने वाले तथा जिसके विषय में बात होती है, उनके लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे – मैं, हम (वक्ता द्वारा खुद के लिए), तुम और आप (सुनने वाले के लिए) और यह, वह, ये, वे (किसी और के बारे में बात करने के लिए) आदि।

  • पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है:-
  • उत्तम पुरुषवाचक
  • मध्यम पुरुषवाचक
  • अन्य पुरुषवाचक

(i) उत्तम पुरुषवाचक – 

जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला अर्थात वक्ता अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते हैं। पहले व्यक्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले सर्वनाम जैसे मैं, हम मेरा, हमारा, मुझे, मुझको, हमारी, मैंने आदि ।

उदाहरण-

  • मेरा नाम अगस्त्य है।
  • मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूँ।
  • हम चार दोस्त हैं।
  • हमारा घर पास-पास में ही है।
  • मुझे अपने मित्र के साथ खेलना पसंद है।
  • मुझको घूमना अच्छा  लगता है।

 (ii) मध्यम पुरुषवाचक– 

जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले अर्थात श्रोता के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है। यह सर्वनाम हिंदी व्याकरण में तीन रूपों में पाए जाते हैं – तू, तुम और आप। इनके उपयोग का चयन सामाजिक स्थिति, आदर-सम्मान और रिश्ते की निकटता पर निर्भर करता है। जैसे- तू, तुम, तुम्हें, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।

उदाहरण-

  • तू बहुत होशियार है।
  • तूने अपना काम समय पर पूरा किया।
  • तुम अपना ध्यान रखना।
  • तुम्हें जल्दी आना चाहिए था।
  • आप हमारे अतिथि हैं।
  • आपने यह कार्य बहुत कुशलता से किया।
See also  पर्यायवाची शब्द Paryayvachi Shabd

(iii) अन्य पुरुषवाचक

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है।
जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।

उदाहरण-

  • वे सिनेमा नहीं देखेंगे।
  • उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
  • वह कल बाजार नहीं आया था।
  • उसे मत जाने दो।
  • उन्हें रोको मत, जाने दो।
  • इनसे कहिए, अपने घर जाएँ।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

निश्चयवाचक सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जो किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर इशारा करते हैं। दूसरे शब्दों में जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।

उदाहरण:

  • यह मेरा घर है।
  • वह तुम्हारी किताब है।
  • ये घड़ी निशा की है।

निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार के हैं –

  1. निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
  2. दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर और समानता

उदाहरण:

  1. राधा मेला गई और उसने नीली साड़ी खरीदी।
  2. यह साड़ी मेरी है, वह प्रिया की है।

पहले वाक्य में “उसने” का उपयोग हुआ है, जो पुरुषवाचक सर्वनाम है क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति (राधा) का उल्लेख करता है। वहीं, दूसरे वाक्य में “यह” और “वह” का उपयोग हुआ है, जो निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। ये पास और दूर की वस्तु की ओर संकेत करते हैं।

इस प्रकार, पुरुषवाचक सर्वनाम किसी व्यक्ति का उल्लेख करता है, जबकि निश्चयवाचक सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर इशारा करता है।

(i) निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराएँ, उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे –

  • यह मेरी पुस्तक है।
  • ये पशु हमारे पड़ोसी के हैं।
  • इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध कराने वाले हैं।
  • ये फूल हमारे बगीचे के हैं।

(ii) दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं, उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे –

  • वह मेरा स्कूल है।
  • वे लड़के बहुत परिश्रमी हैं।
  • वे बच्चे बहुत होशियार हैं।

इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का स्पष्ट और निश्चित रूप में बोध न हो, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, ऐसे सर्वनाम जो किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करें लेकिन उनकी स्थिति अनिश्चित या अस्पष्ट रहे, वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

उदाहरण:

कोई, कुछ, किसी, कौन, किसने, जहाँ, वहाँ आदि।

वाक्य उदाहरण:

  • रोहन! आज कोई तुम्हें ढूंढने आया था।
  • चाय में कुछ ज्यादा मीठा पड़ गया है।

यहाँ ‘कोई’ और ‘कुछ’ ऐसे व्यक्ति और वस्तु की ओर इशारा करते हैं जिनकी पहचान अनिश्चित है।

4. संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

वे सर्वनाम जो दो वाक्यों को जोड़कर परस्पर संबंध को स्पष्ट करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, जिन सर्वनामों से किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु या घटना का संबंध ज्ञात हो और जो दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करें, वे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

उदाहरण:

  • जैसा, तैसा, वैसा, जो, सो, जहाँ, वहाँ, जिसकी, उसकी, जितना, उतना आदि।

वाक्य उदाहरण:

  • जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।
  • जिसकी मेहनत होगी, उसकी जीत होगी।
See also  रस – की परिभाषा, भेद और उदाहरण– Ras in Hindi

इन वाक्यों में ‘वैसा’ का संबंध ‘जैसा’ से और ‘उसकी’ का संबंध ‘जिसकी’ से जुड़ा हुआ है। ये शब्द परस्पर संबंध को स्पष्ट कर रहे हैं, इसलिए इन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।

5.  प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

वे सर्वनाम जिनका उपयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, ऐसे सर्वनाम जो प्रश्न का बोध कराते हैं, प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

उदाहरण:

क्या, कौन, किसने, कैसे, किसका, किसको, किसलिए, कहाँ आदि।

वाक्य उदाहरण:

  • किताब में क्या लिखा है?
  • गेट पर कौन खड़ा है?
  • तुमने यह कैसे किया?

इन वाक्यों में ‘क्या,’ ‘कौन’ और ‘कैसे’ प्रश्न पूछने के लिए प्रयुक्त हुए हैं, इसलिए ये प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।

6.  निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

‘निज’ का अर्थ है ‘स्वयं’ और ‘वाचक’ का अर्थ है ‘सूचित करने वाला।’ ऐसे सर्वनाम जो अपनेपन या स्वंयता का बोध कराएं, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जो सर्वनाम कर्ता के साथ अपनेपन का संबंध बताएं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

उदाहरण:

  • हमें, तुम, अपने, आप, अपने आप, खुद, स्वयं आदि।

वाक्य उदाहरण:

  • रोहित ने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।
  • ईश्वर उन्हीं का साथ देता है, जो अपनी मदद आप करते हैं।
  • हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए।

यहाँ ‘अपनी,’ ‘आप’ और ‘खुद’ जैसे शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं क्योंकि ये कर्ता के साथ अपनेपन का बोध कराते हैं।

‘आप’ शब्द का उपयोग:

आदर के लिए पुरुषवाचक सर्वनाम:
  • आप मेरे मित्र हैं।
  • आप क्या राय देना चाहेंगे?
निजवाचक सर्वनाम:
  • हर व्यक्ति को अपनी मदद आप करनी चाहिए।
  • मैंने यह काम आप ही पूरा किया।

पुरुषवाचक और निजवाचक में ‘आप’ का उपयोग संदर्भ के आधार पर अलग-अलग होता है। पुरुषवाचक ‘आप’ आदर दिखाने के लिए और निजवाचक ‘आप’ स्वयं के लिए उपयोग होता है।

सर्वनाम के उदाहरण (Examples of Pronouns)

हिंदी में मुख्य रूप से 11 मूल सर्वनाम होते हैं-

मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ।
इनसे अन्य सर्वनाम शब्द भी बनते हैं, जो लिंग, वचन और कारक के अनुसार अपना रूप बदल लेते हैं।

संज्ञा की तरह ही सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं:

  1. एकवचन – जैसे: मैं, तू, यह, वह आदि।
  2. बहुवचन – जैसे: हम, तुम, ये, वे आदि।

एकवचन सर्वनाम और उदाहरण-

  1. मैं: मैं स्कूल जा रहा हूँ।
  2. तू: तू बहुत अच्छा दोस्त है।
  3. यह: यह किताब मेरी है।
  4. वह: वह लड़का बहुत होशियार है।

बहुवचन सर्वनाम और उदाहरण-

  1. हम: हम पिकनिक के लिए तैयार हैं।
  2. तुम: तुम बहुत मेहनती हो।
  3. ये: ये फल ताजे हैं।
  4. वे: वे लोग बाजार गए हैं।

सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

मैं ( उत्तम पुरुष) पुरुषवाचक सर्वनाम

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्तामैं , मैंनेहम, हमने, हम लोग, हम लोगों ने
कर्ममुझे, मुझकोहमें, हमको, हम लोगों को
करणमुझसे, मेरे द्वाराहमसे, हमारे द्वारा, हम लोगों से
संप्रदानमुझे, मुझको, मेरे लिएहमको, हमारे लिए, हमें, हम लोगों के लिए
अपादानमुझसेहमसे, हम लोगों से
संबंधमेरा, मेरी, मेरेहमारा, हमारी, हमारे
अधिकरणमुझसे, मुझ परहममें, हम पर
मैं: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

तू (मध्यम पुरुष) पुरुषवाचक सर्वनाम

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्तातू, तूनेतुम, तुमने, तुम लोग, तुम लोगों ने
कर्मतुझे, तुझकोतुम्हें, तुमको, तुम लोगों को
करणतुझसे, तेरे द्वारातुमसे, तुम्हारे द्वारा, तुम लोगों से
संप्रदानतुझे, तेरे लिएतुम्हें, तुम्हारे लिए, तुम लोगों के लिए
अपादानतुझसेतुमसे, तुम लोगों से
संबंधतेरा, तेरी, तेरेतुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे
अधिकरणतुझमें, तुझ परतुम में, तुम पर
तू: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

वह (अन्य पुरुष) पुरुषवाचक सर्वनाम

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्तावह, उसनेवे, उन्होंने, वे लोग, उन लोगों ने
कर्मउसे, उसकोउन्हें, उनको, उन लोगों को
करणउससे, उसके द्वाराउनसे, उनके द्वारा, उन लोगों के द्वारा
संप्रदानउसे, उसके लिएउन्हें, उनके लिए
अपादानउससेउनसे, उन लोगों से
संबंधउसका, उसकी, उसकेउनका, उनकी, उनके, उन लोगों का, की, के
अधिकरणउसमें, उस परउनमें, उन पर, उन लोगों में, उन लोगों पर
वह: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

यह (निश्चयवाचक सर्वनाम)

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्तायह, इसनेये, इन्होंने, इन लोगों ने
कर्मइसे, इसकोइन्हें, इनको, इन लोगों को
करणइससे, इसके द्वाराइनसे, इनके द्वारा, इन लोगों से, इन लोगों द्वारा
संप्रदानइसको, इसके लिएइन्हें, इनके लिए, इन लोगों के लिए
अपादानइससेइनसे, इन लोगों से
संबंधइसका, इसकी, इसकेइनका, इनकी, इनके, इन लोगों का, की, के
अधिकरणइसमें, इस परइनमें, इन पर, इन लोगों में, इन लोगों पर
यह: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

कोई (अनिश्चयवाचक सर्वनाम)

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्ताकोई, किसी नेकिन्हीं ने
कर्मकिसी कोकिन्हीं को
करणकिसी से, किसी के द्वाराकिन्हीं से, किन्हीं के द्वारा
संप्रदानकिसी को, किसी के लिएकिन्हीं को, किन्हीं के लिए
अपादानकिसी सेकिन्हीं से
संबंधकिसी का, की, केकिन्हीं का, की, के
अधिकरणकिसी में, किसी परकिन्हीं में, किन्हीं पर
कोई: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

कौन (प्रश्नवाचक सर्वनाम)

कारक एकवचन बहुवचन 
कर्ताकौन, किसनेकिन्होंने, किन लोगों ने
कर्मकिसे, किसकोकिन्हें, किनको, किन लोगों को
करणकिससे, किसके द्वाराकिनसे, किनके द्वारा, किन लोगों से, किन लोगों द्वारा
संप्रदानकिसको, किसके लिएकिनको, किनके लिए, किन लोगों के लिए
अपादानकिससेकिनसे, किन लोगों से
संबंधकिसका, किसकी, किसकेकिनका, किनकी, किनके, किन लोगों का, की, के
अधिकरणकिसमें, किस पकिनमें, किन पर, किन लोगों में, किन लोगों पर
कौन: सर्वनाम शब्दों की रूप रचना

सर्वनाम के उपयोग और महत्व

1. वाक्य को सरल और प्रभावी बनाना

सर्वनाम वाक्य को सरल और प्रभावी बनाने का कार्य करते हैं। यह बार-बार आने वाली संज्ञा को बदलकर वाक्य को आकर्षक और संक्षिप्त बनाते हैं।
उदाहरण:

  • राम स्कूल गया। राम ने पढ़ाई की। (यहां ‘राम’ की जगह ‘वह’ का उपयोग वाक्य को प्रभावी बनाता है।)
    राम एक विद्यार्थी है।। वह रोज स्कूल जाता है।
See also  अलंकार तथा अलंकार के प्रकार

2. बार-बार संज्ञा प्रयोग से बचना

सर्वनाम के उपयोग से बार-बार संज्ञा का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे वाक्य की गुणवत्ता बढ़ती है।
उदाहरण-

  • सारा गाना गा रही थी। सारा ने बहुत अच्छा गाया।
    सारा गाना गा रही थी। उसने बहुत अच्छा गाया।

सर्वनाम से संबंधित सामान्य गलतियाँ

सर्वनाम का सही और सटीक उपयोग भाषा को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाता है। लेकिन अक्सर इसके प्रयोग में कुछ सामान्य गलतियाँ देखने को मिलती हैं, जो वाक्य का अर्थ भ्रमित कर सकती हैं। आइए इन त्रुटियों को विस्तार से समझें।

1. सर्वनाम का गलत चयन

सर्वनाम का सही चयन न होने पर वाक्य का भाव गलत हो जाता है।

उदाहरण

  • गलत- वह किताब मेरे पास है।
    (यहाँ “वह” का उपयोग हुआ है, जो दूर की वस्तु के लिए होता है, जबकि किताब पास में है।)
  • सही- यह किताब मेरे पास है।
    (“यह” का उपयोग पास की वस्तु के लिए किया जाता है, इसलिए यहाँ सही है।)

2. अस्पष्ट संदर्भ

जब वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम का संदर्भ स्पष्ट नहीं होता, तो सुनने वाले या पढ़ने वाले को समझने में कठिनाई होती है।

उदाहरण-

  • गलत- वह गया।
    (यह वाक्य अधूरा और अस्पष्ट है। “वह” का संदर्भ समझ नहीं आ रहा कि कौन गया।)
  • सही- राम गया।
    (यहाँ “राम” का उल्लेख स्पष्ट करता है कि कौन गया।)

3. पुरुषवाचक और निश्चयवाचक सर्वनाम का गलत उपयोग

पुरुषवाचक और निश्चयवाचक सर्वनाम में अंतर समझना और इन्हें सही तरीके से उपयोग करना आवश्यक है।

उदाहरण-

  • गलत- ये मेरी किताब है।
    (यहाँ “ये” का उपयोग गलत है, क्योंकि “ये” का प्रयोग बहुवचन के लिए होता है।)
  • सही- यह मेरी किताब है।
    (यहाँ “यह” का उपयोग एकवचन के लिए किया गया है, जो सही है।)

निष्कर्ष

सर्वनाम हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भाषा को सरल, प्रभावशाली और सुगम बनाता है। यह न केवल वाक्य को संक्षिप्त करता है, बल्कि संवाद को भी स्पष्ट और सुंदर बनाता है। सर्वनाम का सही उपयोग भाषा की दक्षता को बढ़ाता है और संप्रेषण को प्रभावशाली बनाता है। इसलिए, हमें सर्वनाम के उपयोग और उनकी विशेषताओं को गहराई से समझने की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के भेद, पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के उदाहरण के बारे में विस्तार से जाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. सर्वनाम के 6 भेद कौन से हैं?

    हिंदी में कुल 6 प्रकार के सर्वनाम होते हैं:
    1. पुरुषवाचक सर्वनाम
    2. निश्चयवाचक सर्वनाम
    3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
    4. संबंधवाचक सर्वनाम
    5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
    6. निजवाचक सर्वनाम

  2. अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण क्या है?

    अनिश्चितवाचक सर्वनाम वह सर्वनाम होते हैं, जो किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान को नहीं, बल्कि किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु को दर्शाते हैं।
    उदाहरण: कोई भी व्यक्ति यहाँ आ सकता है।

  3. 11 सर्वनाम शब्द कौन-कौन से होते हैं?

    हिंदी में मुख्य रूप से 11 मूल सर्वनाम होते हैं: मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, और कुछ।

हिंदी में कुल कितने सर्वनाम हैं?

हिंदी में कई प्रकार के सर्वनाम होते हैं, जो वाक्य में व्यक्ति, वस्तु या स्थान को दर्शाने के लिए उपयोग होते हैं। प्रमुख सर्वनामों में मैं, तू, यह, वह, आप, हम, वे, कोई, कुछ, कौन, क्या, जो, सो, इतना, और उतना शामिल हैं। ये सर्वनाम वाक्य में किसी न किसी व्यक्ति या वस्तु का संदर्भ देने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जिससे वाक्य में पुनरावृत्ति से बचा जा सके।

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