भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंध (India-Mauritius Bilateral Relations)
सुर्ख़ियों में क्यों?
भारत के प्रधान मंत्री की मॉरीशस यात्रा के दौरान, भारत और मॉरीशस ने उन्नत रणनीतिक साझेदारी (Enhanced Strategic Partnership) के लिए एक संयुक्त विज़न का अनावरण किया।
अन्य संबंधित तथ्य

- दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों ने समुद्री सुरक्षा सहित विविध क्षेत्रकों में सहयोग बढ़ाने और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भारत के नए विज़न की भी घोषणा की। इसे “महासागर (MAHASAGAR) नाम दिया गया है (बॉक्स देखें)।
- सेंट ब्रैंडन द्वीप का एक नौवहन चार्ट भी मॉरीशस को सौंपा गया।
भारत के लिए मॉरीशस का महत्त्व:
भारत ने 1948 में मॉरीशस की स्वतंत्रता से पहले ही उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे। मॉरीशस का महत्त्व निम्नलिखित आयामों में देखा जा सकता है:
आयाम | विवरण |
सामरिक स्थिति |
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भू-राजनीतिक महत्त्व |
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समुद्री सुरक्षा भागीदार |
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हवाई क्षेत्र सहयोग |
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अफ्रीका के लिए व्यापार और आर्थिक प्रवेश द्वार |
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सांस्कृतिक संबंध |
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भारत-मॉरीशस संबंधों में चुनौतियां
- व्यापार और कराधान समझौते: मॉरीशस भारत के साथ अपने व्यापार और कराधान समझौतों में संशोधन की मांग कर रहा है ताकि वह एक पसंदीदा निवेश माध्यम के रूप में अपनी स्थिति को बहाल कर सके।
- वर्ष 2016 में संधि में संशोधन के बाद से, मॉरीशस से भारत में FDI प्रवाह में तेजी से गिरावट आई है। नतीजतन, मॉरीशस सिंगापुर की तरह समानता की मांग कर रहा है और अफ्रीकी बाजारों को लक्षित करने वाले भारतीय निवेशकों के लिए स्वयं को एक प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित कर रहा है।
- चीन का बढ़ता प्रभाव: चीन ने मॉरीशस में कई अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त-पोषित किया है, जैसे- हवाई अड्डा टर्मिनल, बांध, खेल परिसर और क्रूज शिप टर्मिनल।
- नृजातीय संलग्नता को संतुलित करना: मॉरीशस के साथ संबंधों को संतुलित करने हेतु भारत को मॉरीशस की विविधतापूर्ण जनसंख्या (भारतीय, अफ्रीकी व यूरोपीय समुदाय) के साथ संलग्न होना पड़ता है
- मादक पदार्थों की तस्करी: मॉरीशस मादक पदार्थों की तस्करी का केंद्र बन गया है, जो भारत के समुद्री हितों के समक्ष जोखिम पैदा कर रहा है।
- पर्यावरणीय खतरे: मॉरीशस को समुद्र के बढ़ते जलस्तर, चक्रवात और तटीय क्षरण जैसी गंभीर जलवायु चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष:
भारत ने एक अग्रणी विकास भागीदार और संकट के समय में स्वयं को एक विश्वसनीय प्रथम सहायता प्रदाता के रूप में स्थापित किया है। इससे एक सहायक मित्र के रूप में इसकी छवि में वृद्धि हुई है। मॉरीशस, वैश्विक शक्तियों के साथ अपने संबंधों को संतुलित करते हुए, अपनी संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करने में भारत के अटूट समर्थन की सराहना करता है। भारतीय प्रधान मंत्री की मॉरीशस यात्रा क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों संदर्भों में इस अनूठी व बहुआयामी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
महासागर/ MAHASAGAR विज़न क्या है?
नोट:
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महात्मा गांधी मॉरीशस कब पहुंचे थे ?
1901 में महात्मा गांधी मॉरीशस पहुंचे थे. महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए 12 मार्च को मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने ऐतिहासिक दांडी मार्च की शुरुआत की थी.
